अपने पैतृक संपत्ति(Ancestral Property) में सिर्फ अपना हिस्सा कैसे करें? जानिए पूरा कानूनी तरीका और नाम दर्ज कराने की प्रक्रिया 2025

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

अगर आपके परिवार में पैतृक संपत्ति (Ancestral Property) है और आप जानना चाहते हैं कि उसमें सिर्फ अपना हिस्सा कैसे पक्का करें, तो यह लेख आपके लिए बेहद उपयोगी साबित होगा। भारत में ज़्यादातर विवाद पैतृक ज़मीन-जायदाद के बंटवारे को लेकर ही होते हैं। इसलिए जरूरी है कि आप कानूनी हक़ और नाम दर्ज कराने की प्रक्रिया (Name Entry Process) को अच्छे से समझ लें।

 पैतृक संपत्ति (Ancestral Property)
पैतृक संपत्ति (Ancestral Property)

पैतृक संपत्ति (Ancestral Property) क्या होती है?

पैतृक संपत्ति वह होती है जो आपके पूर्वजों से चार पीढ़ियों तक चली आई हो, यानी दादा-परदादा से लेकर पोते तक का हक़ उस पर बनता है। अगर संपत्ति पिता या दादा ने खुद खरीदी है, तो वह पैतृक नहीं, बल्कि स्व अर्जित (Self Acquired Property) मानी जाती है।

अपने हिस्से का अधिकार कैसे बनता है?

हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम (Hindu Succession Act, 1956) के अनुसार, हर पुत्र, पुत्री, पोता और पोती को पैतृक संपत्ति में बराबर का हक़ होता है।
अगर परिवार में 4 सदस्य हैं — पिता, दो बेटे और एक बेटी — तो हर किसी को ¼ हिस्सा मिलेगा।
यह अधिकार जन्म से ही मिल जाता है, किसी की अनुमति की आवश्यकता नहीं होती।

अपना हिस्सा तय करने का कानूनी तरीका:

अगर आप अपना नाम और हिस्सा पक्का करना चाहते हैं, तो नीचे दिए चरण अपनाएं

  1. फैमिली सेटेलमेंट (Family Settlement):
    आपसी सहमति से परिवार के सभी सदस्य आपस में लिखित समझौता करें। इसे स्टांप पेपर पर नोटरी से प्रमाणित कराएं।
  2. विभाजन विलेख (Partition Deed):
    अगर समझौता नहीं हो पा रहा, तो रजिस्टर्ड Partition Deed बनवाएं। यह दस्तावेज़ कानूनी रूप से आपके हिस्से को अलग करता है।
  3. राजस्व विभाग में म्यूटेशन (Mutation Process):
    तहसील या राजस्व विभाग में जाकर अपने हिस्से की जमीन पर नाम दर्ज करवाएं। इसके लिए Partition Deed, Aadhar Card, Family Proof लगाना होता है।
  4. कोर्ट में दावा (Civil Suit):
    अगर विवाद बढ़ जाए या परिवार सहमत न हो, तो सिविल कोर्ट में “Partition Suit” दर्ज करें। कोर्ट निर्णय के बाद आपके नाम का हिस्सा तय कर देती है। नाम दर्ज कराने की प्रक्रिया (Name Entry in Property Records)
  5. अपने जिले के तहसील कार्यालय या ऑनलाइन भूमि रिकॉर्ड पोर्टल पर जाएं।
  6. आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करें – Partition Deed, Aadhar, परिवार रजिस्टर की प्रति, और खतौनी की कॉपी।
  7. म्यूटेशन शुल्क जमा करें।
  8. जांच के बाद आपका नाम राजस्व अभिलेख (खतौनी/खसरा) में दर्ज कर दिया जाएगा। जरूरी टिप:

किसी भी दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करने से पहले वकील की सलाह ज़रूर लें।

जमीन का नक्शा (Map) और खाता-खतौनी की जांच खुद करें।

किसी भी फर्जीवाड़े से बचने के लिए ऑनलाइन भूलेख (bhulekh portal) पर नाम सत्यापित करें।

अपने पैतृक संपत्ति में हिस्सा लेना आपका जन्मसिद्ध अधिकार है, न कि किसी की कृपा। सही कानूनी प्रक्रिया अपनाकर आप शांति और सम्मान के साथ अपनी ज़मीन का मालिकाना हक़ पा सकते हैं।

Author

  • yojnahelpdesk auther scaled

    नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम आदित्य है। मैं पिछले 3 सालों से ब्लॉगिंग कर रहा हूँ और फिलहाल मैं सरकारी योजनाओं पर ब्लॉग लिख रहा हूँ। इस ब्लॉग के जरिए, मैं आपको विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभ और आवेदन प्रक्रिया के बारे में जानकारी दूंगा। अधिक जानकारी के लिए, हमारे WhatsApp ग्रुप को जॉइन करें

    View all posts

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top