UP Special Teacher TET उत्तर प्रदेश सरकार ने दिव्यांग बच्चों की शिक्षा को सशक्त बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। बेसिक शिक्षा विभाग ने विशेष शिक्षकों (Special Teachers) की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के 7 मार्च 2025 के आदेश के बाद लिया गया है। सरकार ने अब तक लगभग 2200 संविदा विशेष शिक्षकों की तैनाती की है और 3000 से अधिक नई नियुक्तियों की प्रक्रिया भी तेजी से जारी है।

इन नियुक्तियों की सबसे खास बात यह है कि अब सभी शिक्षकों को शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) पास करना अनिवार्य होगा। हालांकि, सरकार ने विशेष शिक्षकों के लिए बड़ी राहत भी दी है और इसके लिए विभागीय स्तर पर विशेष TET (Departmental TET) आयोजित करने का निर्णय लिया है।
UP में Teacher की विभागीय TET से होगी तैनाती
बेसिक शिक्षा विभाग ने साफ कर दिया है कि विशेष शिक्षकों के लिए अलग से विभागीय TET आयोजित की जाएगी। इसका मतलब है कि अब संविदा पर कार्यरत शिक्षक हों या नई भर्ती के उम्मीदवार, सभी को यह परीक्षा पास करनी होगी।
इस व्यवस्था से न केवल नियुक्तियों में पारदर्शिता आएगी, बल्कि दिव्यांग बच्चों की शिक्षा में भी प्रशिक्षित और योग्य शिक्षकों की तैनाती हो सकेगी।
विशेष शिक्षक बनने की पात्रता :
विशेष शिक्षक बनने के लिए उम्मीदवार को कुछ जरूरी योग्यताएं पूरी करनी होंगी:
- उम्मीदवार के पास स्नातक डिग्री होनी चाहिए।
- साथ ही भारतीय पुनर्वास परिषद (RCI) से मान्यता प्राप्त D.Ed या B.Ed (विशेष शिक्षा) का प्रमाणपत्र अनिवार्य है।
- उम्मीदवार का RCI में पंजीकरण होना चाहिए।
- वर्तमान में संविदा या डेली वेज पर कार्यरत शिक्षक भी विभागीय TET में शामिल हो सकते हैं।
- अधिकतम आयु सीमा 60 वर्ष तय की गई है।
पासिंग मार्क्स में राहत :
अब तक TET परीक्षा में सामान्य वर्ग के लिए पासिंग मार्क्स 60% और आरक्षित वर्ग के लिए 55% रखे जाते थे। लेकिन विशेष शिक्षकों के लिए सरकार ने बड़ी राहत दी है।
- सामान्य वर्ग (General Category): 45%
- आरक्षित वर्ग (Reserved Category): 40%
यह छूट विशेष शिक्षकों के लिए एक बड़ा अवसर है और हजारों उम्मीदवारों को इसका लाभ मिलेगा।
विभागीय TET के अवसर और समय
जिन शिक्षकों के पास पहले से TET या CTET पास है, उन्हें दोबारा परीक्षा देने की जरूरत नहीं होगी। उनकी सीधी नियुक्ति को प्राथमिकता दी जाएगी।
- जिनके पास यह पात्रता नहीं है, उन्हें विभागीय TET पास करना अनिवार्य होगा।
- उम्मीदवारों को यह परीक्षा पास करने के लिए चार मौके (attempts) दिए जाएंगे।
- परीक्षा साल में दो बार आयोजित की जाएगी।
- दूसरी परीक्षा, पहली परीक्षा के छह महीने बाद होगी।
निष्कर्ष :
उत्तर प्रदेश सरकार का यह फैसला विशेष शिक्षकों और दिव्यांग बच्चों दोनों के लिए ऐतिहासिक साबित हो सकता है। जहां एक ओर दिव्यांग बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी, वहीं दूसरी ओर हजारों शिक्षकों को नियमित नियुक्ति का सुनहरा अवसर मिलेगा।
विभागीय TET में पासिंग मार्क्स में छूट और चार मौके मिलने से यह योजना और भी आसान और उपयोगी बन गई है। आने वाले समय में बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित की जाने वाली यह परीक्षा प्रदेश के शिक्षा स्तर को नई दिशा देने वाली साबित हो सकती है।


