ITR Refund लेट होने के कारण और जल्दी रिफंड पाने के आसान तरीके समझें ITR Refund Status 2025

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ITR Refund Status 2025:

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इनकम टैक्स रिफंड का इंतजार कर रहे टैक्सपेयर्स के लिए यह समय अक्सर तनावपूर्ण हो सकता है। वित्त वर्ष 2024-25 (आकलन वर्ष 2025-26) के लिए ITR फाइल करने के बाद, सामान्यतः रिफंड 4-5 हफ्तों में क्रेडिट हो जाना चाहिए। लेकिन कई लोग अब भी जुलाई से इंतजार कर रहे हैं। जबकि कुछ को रिफंड मिल चुका है, कई लोग अभी भी अपने पैसे के लिए प्रतीक्षा कर रहे हैं। देरी के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे गलत जानकारी, वेरिफिकेशन में समस्या या फर्जी क्लेम्स। इस लेख में हम विस्तार से बताएंगे कि रिफंड में देरी के प्रमुख कारण क्या हैं, जांच कैसे होती है और रिफंड न मिलने पर क्या कदम उठाए जा सकते हैं।

रिफंड में देरी के प्रमुख कारण

  1. ITR का e-वेरिफिकेशन न होना
    ITR फाइल करने के बाद सबसे पहला और महत्वपूर्ण कदम है उसका e-वेरिफिकेशन। कई करदाता इसे भूल जाते हैं। टैक्स नियमों के अनुसार, रिटर्न फाइल करने के 30 दिनों के भीतर e-वेरिफिकेशन करना अनिवार्य है। इसे आधार OTP, ईवीसी या डिजिटल सिग्नेचर (DSC) के जरिए पूरा किया जा सकता है। यदि वेरिफिकेशन समय पर नहीं होता, तो आयकर विभाग आपकी रिटर्न प्रोसेस नहीं करता और रिफंड अटक जाता है। इसलिए, ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉगिन करके तुरंत ‘e-Verify’ ऑप्शन के माध्यम से वेरिफिकेशन करना जरूरी है।
  2. PAN और Aadhaar का मिसमैच
    अगर आपका PAN और Aadhaar लिंक नहीं है, तो रिफंड में देरी हो सकती है। PAN और Aadhaar का मिलान न होने पर वेरिफिकेशन फेल हो जाता है और रिफंड जारी नहीं होता। इस समस्या को दूर करने के लिए ई-फाइलिंग पोर्टल पर जाकर PAN-Aadhaar लिंकिंग प्रक्रिया पूरी करें।
  1. Form 26AS या AIS में अंतर
    ITR में दर्ज की गई आय, TDS या कटौती का डेटा अक्सर Form 26AS या AIS (Annual Information Statement) से मेल नहीं खाता। जब ऐसा होता है, तो आयकर विभाग खुद से जांच करता है और मैन्युअल वेरिफिकेशन में समय लग सकता है। इस समस्या से बचने के लिए करदाता को AIS और Form 26AS चेक करना चाहिए और यदि कोई अंतर मिले तो रेक्टिफिकेशन फाइल करनी चाहिए। इससे अनावश्यक नोटिस और रिफंड में देरी से बचा जा सकता है।
  2. फर्जी क्लेम्स या हाई वैल्यू रिफंड
    2025 में आयकर विभाग ने 700 करोड़ रुपये के फर्जी क्लेम्स पकड़े, जिनमें 80GGC डोनेशन और मेडिकल खर्च शामिल थे। हाई वैल्यू रिफंड, यानी 10 लाख रुपये से अधिक, पर अतिरिक्त जांच की जाती है। ऐसे मामलों में रिफंड में 2-4 हफ्तों की देरी हो सकती है। समाधान के लिए टैक्सपेयर्स को अपने दस्तावेज सही तरीके से अपलोड करना चाहिए और यदि रिफंड में समस्या हो तो ग्रीवांस सबमिट कर तुरंत समाधान मांगना चाहिए।
  3. बैंक अकाउंट से जुड़ी समस्याएं
    यदि आपका PAN से लिंक्ड बैंक अकाउंट वैध नहीं है या नाम में अंतर है, तो रिफंड क्रेडिट फेल हो सकता है। इस स्थिति में रिफंड देर से आता है या खाते में नहीं जाता। इसका समाधान सरल है: ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉगिन करके ‘Refund Reissue’ रिक्वेस्ट सबमिट करें। सही बैंक डिटेल और नाम अपडेट होने के बाद आपका रिफंड पुनः जारी कर दिया जाएगा।

रिफंड प्रोसेसिंग और जांच की प्रक्रिया


ITR फाइल करने के बाद रिफंड प्रोसेसिंग और जांच की प्रक्रिया इस प्रकार होती है। सबसे पहले e-वेरिफिकेशन 30 दिनों के भीतर किया जाता है। इसके बाद CPC (Central Processing Center) आपके ITR को प्रोसेस करता है और 9-20 दिनों में इंटिमेशन भेजता है। यदि कोई नोटिस आता है, तो 30 दिनों के भीतर जवाब देना जरूरी होता है। सामान्यत: प्रोसेस्ड ITR पर रिफंड 4-5 हफ्तों में क्रेडिट हो जाता है। देरी होने पर विभाग 0.5% प्रति माह ब्याज भी देता है। रिफंड स्टेटस हमेशा ई-फाइलिंग पोर्टल पर ट्रैक किया जा सकता है।

फर्जी क्लेम्स और हाई वैल्यू रिफंड में देरी


2025 में लगभग 40% ITR प्रोसेस हुए, लेकिन फर्जी क्लेम्स और हाई वैल्यू रिफंड के कारण प्रोसेसिंग में देरी हुई। यदि आपका रिफंड लेट है, तो सबसे पहले ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉगिन करके ‘My Account’ > ‘Refund/Demand Status’ से स्टेटस चेक करें। यदि कोई समस्या हो, तो ग्रीवांस सबमिट करें और गलती सुधारने के लिए ITR-2 रेक्टिफिकेशन करें। इसके अलावा, हेल्पलाइन नंबर 1800-103-0025 पर कॉल करके मदद भी ली जा सकती है।

रिफंड जल्दी पाने के उपाय


रिफंड में देरी के मुख्य कारणों को समझने के बाद, आप कुछ सरल कदम उठाकर अपने पैसे जल्दी प्राप्त कर सकते हैं। सबसे पहले, सुनिश्चित करें कि ITR समय पर और सही तरीके से फाइल हुआ है। ई-वेरिफिकेशन तुरंत करें, PAN-Aadhaar लिंकिंग सही करें, AIS और Form 26AS का मिलान करें और बैंक अकाउंट विवरण अपडेट रखें। फर्जी क्लेम या हाई वैल्यू रिफंड की स्थिति में सभी दस्तावेज सही तरीके से अपलोड करें।

निष्कर्ष


ITR रिफंड में देरी के कई कारण हो सकते हैं, जैसे e-वेरिफिकेशन न होना, PAN-Aadhaar मिसमैच, Form 26AS में अंतर, फर्जी क्लेम्स या बैंक अकाउंट समस्या। देरी होने पर हमेशा स्टेटस चेक करें और ग्रीवांस सबमिट करें। सुनिश्चित करें कि आपका ITR सही और समय पर फाइल हो, ताकि रिफंड जल्दी प्रोसेस हो सके और अनावश्यक परेशानियों से बचा जा सके। यह प्रक्रिया न केवल आपके रिफंड को तेजी से प्राप्त करने में मदद करेगी, बल्कि वित्तीय योजना बनाने में भी सहायक होगी।

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    नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम आदित्य है। मैं पिछले 3 सालों से ब्लॉगिंग कर रहा हूँ और फिलहाल मैं सरकारी योजनाओं पर ब्लॉग लिख रहा हूँ। इस ब्लॉग के जरिए, मैं आपको विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभ और आवेदन प्रक्रिया के बारे में जानकारी दूंगा। अधिक जानकारी के लिए, हमारे WhatsApp ग्रुप को जॉइन करें

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