
Paramparagat Krishi Vikas Yojana (PKVY): किसानों के लिए जैविक खेती का सबसे बड़ा मौका! हमारे देश में अनेक प्रकार की योजनाएं हैं। उन्हीं योजनाओं में से एक हमारे देश की कृषि के लिए यह एक मुख्य योजना है जिसका नाम परम्परागत कृषि विकास योजना (PKVY) है और इसे भारत सरकार ने शुरू किया है, जिसका मुख्य उद्देश्य जैविक खेती को बढ़ावा देना और किसानों को रासायनिक उर्वरकों व कीटनाशकों के उपयोग से मुक्त करना है। इस योजना से किसानों को आर्थिक सहायता, प्रशिक्षण और जैविक उत्पादों के विपणन में मदद दी जाती है। इस लेख में हम जानेंगे कि आप कैसे परम्परागत कृषि विकास योजना का लाभ ले सकते हैं तथा कैसे इस योजना में आवेदन कर सकते हैं।
Table of Contents
Paramparagat Krishi vikas yojana PKVY overview
| योजना का नाम | परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY) |
|---|---|
| लॉन्च वर्ष | 2015 |
| उद्देश्य | किसानों को जैविक खेती अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना और मृदा स्वास्थ्य में सुधार करना |
| पात्रता | सभी किसान जिनके पास अधिकतम 2 हेक्टेयर भूमि है |
| वित्तीय सहायता | ₹31,500 प्रति हेक्टेयर तीन वर्षों के लिए, जिसमें से ₹15,000 जैविक इनपुट्स के लिए सीधे किसानों को दिए जाते हैं |
| प्रमुख घटक | क्लस्टर आधारित दृष्टिकोण: प्रत्येक क्लस्टर में 20 हेक्टेयर भूमि शामिल जैविक प्रमाणन: सहभागिता गारंटी प्रणाली (PGS-इंडिया) के माध्यम से स्थानीय और राष्ट्रीय बाजारों से सीधा जुड़ाव |
| लाभ | मृदा स्वास्थ्य में सुधार रसायन-मुक्त खाद्य उत्पादन पर्यावरण के अनुकूल खेती किसानों की आय में वृद्धि |
| आधिकारिक वेबसाइट | https://www.myscheme.gov.in/schemes/pkvy |
Paramparagat Krishi vikas yojana PKVY क्या है?
परम्परागत कृषि विकास योजना (PKVY) की शुरुआत 2015-16 में राष्ट्रीय सतत कृषि मिशन (NMSA) के तहत मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन (SHM) के एक विस्तारित घटक के रूप में की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य किसानों को जैविक खेती अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना और पर्यावरण अनुकूल खेती को बढ़ावा देना है। इस योजना के तहत किसानों को समूहों में संगठित करके जैविक खेती करने के लिए सहायता प्रदान की जाती है।
आवश्यक सुचना जरुर पढ़े- जैविक खेती सब्सिडी योजना से ₹11,000 की आर्थिक सहायता अभी करें आवेदन CLICK HERE
Paramparagat Krishi vikas yojana (PKVY) न केवल किसानों को ही लाभ मिलता है बल्कि देश के कई सकारात्मक प्रभाव की एक झलक है यह बेहतर सार्वजनिक स्वास्थ्य जैविक खेती में होने वाले हानिकारक रसायनों के उपयोग की समाप्ति करती है जिससे लाभार्थियों के लिए सुरक्षित एवं स्वस्थ भोजन मिलता है मृदा गुणवत्ता में वृद्धि जैविक पद्धतियां मृदा स्वास्थ्य को बढ़ावा देती है जिस की मृदा की उर्वरता बढ़ती रहे और लंबे समय तक खेती की स्थिरता प्राप्त होती रहे परम्परागत।
योजना से जुड़े दिशा निर्देशांक जरुर पढ़े: Click here
कृषि विकास योजना किसानों को बेहतर आजीविका तथा आर्थिक मुक्ति के साथ जैविक खेती के चलते सफलतापूर्वक वस्तुओं का उत्पादन करने के लिए ज्ञान तथा सुविधा के साथ सशक्त बनाने में योग्य है जैविक खेती रासायनिक प्रयोग में कमी के माध्यम से स्वच्छ पर्यावरण तथा जैविक विविधता के संरक्षण को बढ़ावा देने में प्रयास करती है।
परंपरागत कृषि विकास योजना कृषि क्षेत्र में क्रांति लाने के लिए भारत केंद्र सरकार की एक महत्वपूर्ण पहला है लाभार्थियों को मिलने वाली सशक्त किसान तथा अधिक टिकाऊ मौसम के लिए स्वास्थ्य तथा अच्छे व्यवस्था का मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए योजना के माध्यम से जैविक खेती प्रथाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है आने वाले समय में इस योजना में भारतीय कृषि को एक स्वच्छ रूप में बदलने तथा देश को वैश्विक जैविक खाद्य बाजार में स्थापित करने की पूरी क्षमता लाने के प्रयास कर रही है।
Paramparagat Krishi Vikas yojana PKVY योजना के उद्देश्य
- इस योजना का उद्देश्य किसानों को जैविक खेती अपनाने के लिए प्रेरित करना।
- इस योजना के तहत रासायनिक खाद और कीटनाशकों के स्थान पर जैविक खाद और प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग बढ़ता है।
- स्वास्थ्यवर्धक और गुणवत्तापूर्ण कृषि उत्पादों का उत्पादन करना।
- किसानों को जैविक उत्पादों के विपणन (Marketing) और ब्रांडिंग में सहायता प्रदान करना।
- मृदा स्वास्थ्य (Soil Health) में सुधार करना और कृषि भूमि की उर्वरता को बनाए रखना।
- ग्रामीण युवाओं, किसानों और उपभोक्ताओं के बीच जैविक खेती को बढ़ावा देना।
परम्परागत कृषि विकास योजना के लाभ
- इस योजना के तहत प्रत्येक किसान को 50,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की सहायता राशि दी जाती है।
- जैविक उत्पादों को Organic Certification और मार्केटिंग की सुविधा दी जाती है।
- किसानों को जैविक खेती, खाद निर्माण, और प्राकृतिक खेती के तरीकों पर प्रशिक्षण दिया जाता है।
- परम्परागत कृषि विकास रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के उपयोग को कम करके र्यावरण संरक्षण किया जाता है।
योजना के तहत वित्तीय सहायता
योजना के तहत प्रत्येक किसान को 3 वर्षों में कुल 50,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की सहायता दी जाती है, जो निम्नानुसार विभाजित होती है:
- 31,000 रुपये – जैविक खेती के लिए इनपुट (जैविक खाद, जैविक कीटनाशक आदि)
- 8,800 रुपये – मूल्य संवर्धन और वितरण के लिए
- शेष राशि – क्लस्टर विनिर्माण क्षमता बनाने के लिए
योजना में आवेदन हेतु आवश्यक दस्तावेज़?
- आधार कार्ड
- जाति प्रमाण पत्र (SC,ST,OBC)
- कृषि जमीन की फोटो
- भूमि दस्तावेज़
- बैंक खता विवरण
- 10अंक मोबाइल नंबर
- डीपीआर (DPR)
कार्यक्रम का लाभ पानी के लिए विभिन्न दस्तावेजों हस्तक्षेप के प्रकार के राज्य के आधार पर भिन्न हो सकती है प्रस्तुत किए जाने वाले सभी दस्तावेज विस्तृत जानकारी के लिए संबंधित अधिकारियों से प्रमोट करने की अनुशंसा की जाती है।
Paramparagat Krishi Vikas योजना में आवेदन प्रक्रिया जानें?
- लाभ उठाने वाले आवेदक को अपने राज्यों के क्षेत्रीय परिषदों से जुड़ना तथा संवाद करना चाहिए।
- क्षेत्रीय परिषद के सभी आवेदनों को समेकित करती है तथा बाहर से कार्य योजना विकसित करती है।
- राज्य के क्षेत्र परिषदों के तहत संकट वार्षिक कार्य योजना कृषि तथा किसान कल्याण मंत्रालय को प्रस्तुत की जाती है।
- केंद्र द्वारा राज्य की जारी की गई धनराशि।
- किसानों तथा व्यक्तियों को लाभ पहुंचाने के लिए क्षेत्रीय परिषदों को आगे की धनराशि जारी की जा रही है।
नोट – यह जानकारी इंटरनेट से ली गई जानकारी के आधार पर बताई गई है यूपी सरकार द्वारा इस समय इस तरह की कोई योजना नहीं चलाई जा रही है यदि कोई इस तरह की योजना लाई जाती है तो हम आपके यहां पर अपडेट देंगे इसके अलावा आप यूपी सरकार की अधिकारी वेबसाइट पर जाकर जांच सकते हैं।


