
PM Schools for Rising India (PM SHRI) योजना भारत सरकार की एक नई पहल है, जिसके तहत देश भर के 14,500 से अधिक सरकारी स्कूलों को चुना जाकर आधुनिक बनाया जा रहा है। इस योजना की शुरुआत 5 सितंबर 2022 को हुई (शिक्षक दिवस के अवसर पर) और 7 सितंबर 2022 को केंद्रीय कैबिनेट से मंज़ूरी मिली। PM SHRI स्कूल वे विशेष सरकारी विद्यालय होंगे जिन्हें आदर्श मॉडल स्कूल के रूप में विकसित किया जाएगा। इस योजना को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के लक्ष्य जमीन पर उतारना और देश के स्कूलों की गुणवत्ता में व्यापक सुधार करना है
PM Schools for Rising India (PM SHRI) overview
योजना का नाम | PM Schools for Rising India (PM SHRI) |
शुरू होने की तिथि | 5 सितंबर 2022 (शिक्षक दिवस) |
लक्ष्य | देशभर के 14,500+ सरकारी स्कूलों को मॉडल स्कूल के रूप में विकसित करना |
मुख्य उद्देश्य | स्कूलों को आधुनिक बनाना, छात्रों को 21वीं सदी की शिक्षा देना |
लाभार्थी | सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र |
प्रमुख विशेषताएँ | स्मार्ट क्लासरूम, आधुनिक प्रयोगशालाएँ, हरित पहल, कौशल विकास |
बजट | ₹27,360 करोड़ (केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा साझा) |
आधिकारिक वेबसाइट | https://pmshri.education.gov.in |
आधिकारिक हेल्पलाइन | 1800-889-3277 (टोल-फ़्री) |
योजना का उद्देश्य
PM SHRI योजना के माध्यम से सरकार शिक्षा प्रणाली में कुछ मुख्य लक्ष्य हासिल करना चाहती है:
- समान व समावेशी शिक्षा: विद्यालयों में ऐसा माहौल बनाया जाएगा जहाँ हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले, चाहे वह किसी भी पृष्ठभूमि का हो। उद्देश्य है कि सभी छात्रों के लिए स्कूल सुरक्षित, स्वागतयोग्य और आनंददायक स्थान हो, ताकि कोई भी बच्चा पढ़ाई में पीछे न रह जाए।
- आधुनिक एवं रोचक शिक्षण: पढ़ाई का तरीका पारंपरिक रटने से हटकर अधिक अनुभवात्मक और बच्चों को केंद्र में रखने वाला (learner-centered) होगा। गतिविधि-आधारित शिक्षण, खेल द्वारा सीखना, परियोजनाओं व खोजपरक तरीकों से पढ़ाया जाएगा, जिससे बच्चे वास्तविक जिंदगी से जुड़कर आसानी से समझ सकें।
- सर्वांगीण विकास: इस योजना का जोर छात्रों के चौतरफा विकास पर है। पाठ्यक्रम में 21वीं सदी के कौशल (जैसे कि संवाद कौशल, रचनात्मक सोच, सहयोग और डिजिटल कौशल) पर ध्यान दिया जाएगा। इससे बच्चे न केवल अकादमिक रूप से, बल्कि मानसिक, शारीरिक और सामाजिक रूप से भी सशक्त बनेंगे।
- NEP 2020 का कार्यान्वयन: PM SHRI स्कूलों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सभी प्रमुख पहलू लागू किए जाएंगे । उदाहरण के लिए, पाँचवी तक मातृभाषा में शिक्षा, 5+3+3+4 संरचना, कौशल विकास पर जोर, कला एवं खेल को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाना आदि नीतियों को इन स्कूलों में मूर्त रूप दिया जाएगा।
- अन्य स्कूलों के लिए उदाहरण: PM SHRI स्कूलों को उनके क्षेत्र में एक मॉडल के रूप में विकसित किया जाएगा, ताकि आसपास के दूसरे स्कूल भी उनसे प्रेरणा लेकर अपने यहाँ सुधार कर सकें। ये स्कूल अपने नजदीकी विद्यालयों को मार्गदर्शन और सलाह भी प्रदान करेंगे।
योजना के लाभ
PM SHRI योजना से चुने गए स्कूलों और उनमें पढ़ने वाले विद्यार्थियों – दोनों को कई तरह के फायदे होंगे:
1. स्कूलों के लिए लाभ:
- आधारभूत संरचना में सुधार: चयनित स्कूलों को केंद्र एवं राज्य सरकारों से आर्थिक सहायता मिलेगी, जिससे स्कूल की बिल्डिंग, क्लासरूम, शौचालय, पेयजल, बिजली आदि बुनियादी सुविधाओं में सुधार किया जाएगा। प्रत्येक स्कूल में स्मार्ट क्लासरूम, कंप्यूटर लैब और विज्ञान प्रयोगशाला जैसी आधुनिक सुविधाएँ विकसित की जाएंगी। माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर के PM SHRI स्कूलों में अत्याधुनिक भौतिकी, रसायन, जीवविज्ञान लैब, अटल टिंकरिंग लैब और कौशल विकास लैब भी स्थापित की जाएंगी। इससे गाँव के सरकारी स्कूलों को भी बड़े शहरों जैसे उन्नत सुविधाएँ मिल सकेंगी।
- शिक्षण सुविधाओं का उन्नयन: स्कूलों को लाइब्रेरी (पुस्तकालय) अनुदान, खेलकूद अनुदान आदि उपलब्ध कराए जाएंगे। इससे पुस्तकालय, खेल का मैदान और शिक्षण सामग्री में सुधार होगा। साथ ही बालवाटिका (Pre-school) के लिए उचित कक्षाएं और बच्चों के अनुकूल फर्नीचर दिए जाएंगे। स्कूलों में स्मार्ट क्लास और डिजिटल लाइब्रेरी जैसी तकनीक लाकर शिक्षकों को नए तरीकों से पढ़ाने में मदद मिलेगी, जिससे पढ़ाई अधिक रोचक बनेगी।
- हरित (Green) पहल: PM SHRI स्कूलों को पर्यावरण-अनुकूल ग्रीन स्कूल के रूप में विकसित किया जाएगा। इसमें स्कूलों में सोलर पैनल और LED लाइट लगाना, परिसर में पौधों की पोषण वाटिका बनाना, वर्षा जल संचयन, कचरा प्रबंधन व प्लास्टिक मुक्त परिसर जैसी पहल शामिल होंगी। इसका फायदा यह होगा कि स्कूल अपनी बिजली-पानी की ज़रूरतें आंशिक रूप से खुद पूरी कर सकेंगे और बच्चे पर्यावरण संरक्षण के महत्व को practically सीखेंगे।
2. विद्यार्थियों के लिए लाभ:
- बेहतर सीखने का माहौल और आधुनिक तकनीक: छात्रों को अब साफ-सुथरा, सुरक्षित और सुविधाजनक विद्यालय वातावरण मिलेगा। साथ ही पढ़ाई के लिए स्मार्ट क्लासरूम, कंप्यूटर, प्रोजेक्टर जैसी आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल होगा। प्रयोगशालाओं एवं आधुनिक संसाधनों की उपलब्धता से गाँव के बच्चे भी प्रयोगात्मक तरीके से सीख पाएंगे, जिससे उनकी समझ और वैज्ञानिक सोच विकसित होगी।
- खेलकूद एवं सह-शैक्षणिक गतिविधियाँ: स्कूलों में खेल का मैदान, खेल संबंधी उपकरण तथा कला एवं संगीत के लिए उचित कक्षाओं की सुविधा मिलेगी। इससे बच्चों का शारीरिक व मानसिक विकास होगा। पढ़ाई के साथ-साथ उन्हें चित्रकला, संगीत, नाटक, खेलकूद जैसी गतिविधियों में हिस्सा लेने का मौका मिलेगा, जो उनके सर्वांगीण विकास के लिए ज़रूरी है।
- भविष्य हेतु कौशल विकास: स्कूलों में अब कौशल विकास कार्यक्रम और व्यावसायिक शिक्षा (vocational training) पर भी जोर दिया जाएगा। स्थानीय उद्योगों या कारीगरों के साथ मिलकर इंटर्नशिप तथा हस्त-कौशल सीखने के लिए कार्यशालाएं आयोजित होंगी। इससे विद्यार्थी पढ़ाई के दौरान ही जीवनोपयोगी कौशल सीख सकेंगे और आगे चलकर नौकरी या स्व-रोजगार में आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी।
पात्रता – कौन से स्कूल और विद्यार्थी लाभ ले सकते हैं?
- सरकारी प्रबंधन वाले स्कूल: केंद्र सरकार, राज्य सरकार, केंद्रशासित प्रदेश प्रशासन अथवा स्थानीय निकायों द्वारा संचालित सभी सरकारी विद्यालय इस योजना के लिए पात्र हैं। इनमें प्राथमिक स्तर से लेकर उच्च माध्यमिक (कक्षा 12वीं) तक के स्कूल शामिल हैं।
- केन्द्रीय विद्यालय (KVS) एवं नवोदय विद्यालय (NVS): देश के सभी केंद्रीय विद्यालय और जवाहर नवोदय विद्यालय भी PM SHRI के दायरे में आते हैं, बशर्ते वे स्थायी भवनों में संचालित हो रहे हों (यानि अस्थायी कैंपस वाले स्कूल शामिल नहीं)।
- प्राइवेट (निजी) स्कूल नहीं: इस योजना में कोई भी निजी विद्यालय शामिल नहीं है। केवल सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल ही PM SHRI स्कूल बनने के लिए चुने जाएंगे। अर्थात, अगर आपका स्कूल किसी सरकारी संस्था द्वारा संचालित है, तभी उसे इस योजना का लाभ मिलने की संभावना है।
- विद्यार्थी: किसी छात्र को व्यक्तिगत रूप से इस योजना के लिए आवेदन करने की ज़रूरत नहीं है। जो बच्चे इन चयनित PM SHRI स्कूलों में पढ़ेंगे, उन्हें स्वतः ही सभी नई सुविधाओं और अवसरों का लाभ मिलेगा। इसका अर्थ है कि योजना का लाभ स्कूल के स्तर पर दिया जाएगा, न कि सीधे किसी छात्र को नकद या वजीफा के रूप में।
योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया (स्कूलों का चयन कैसे होता है)
PM SHRI के तहत स्कूलों का चयन तीन चरणों में किया जाता है। पहले चरण में राज्य/केंद्रशासित प्रदेश सरकारें केंद्र के साथ एक सहमति-पत्र (MoU) पर हस्ताक्षर करती हैं कि वे अपने यहाँ राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को पूर्ण रूप से लागू करेंगी। दूसरे चरण में शिक्षा मंत्रालय स्कूल डाटा (UDISE) के आधार पर उन सरकारी स्कूलों की प्रारंभिक सूची तैयार करता है जो तय न्यूनतम मानकों को पूरा करते हैं। तीसरे चरण में इन पात्र स्कूलों को ऑनलाइन पोर्टल पर चैलेंज मोड में आवेदन करना होता है और विभिन्न गुणवत्ता मानकों को पूरा करके दिखाना होता है। जो स्कूल सभी शर्तें सफलतापूर्वक पूरी करते हैं, उनका चयन PM SHRI स्कूल के रूप में कर लिया जाता है। इस पूरी चयन प्रक्रिया में केंद्र और राज्य के विशेषज्ञ मिलकर मूल्यांकन एवं सत्यापन करते हैं ताकि चयन पारदर्शी रहे। सरकार ने यह भी नियम बनाया है कि प्रत्येक ब्लॉक (खंड) में अधिकतम दो विद्यालय (एक प्राइमरी तथा एक सेकंडरी/हायर सेकंडरी) ही चुने जा सकते हैं। इससे देश के हर क्षेत्र – ग्रामीण हो या शहरी – से स्कूलों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित होगा।
महत्वपूर्ण बिंदु (मुख्य तथ्य एवं नियम)
- योजना की शुरुआत और लक्ष्य: PM SHRI योजना 2022 में शुरू की गई, जिसका लक्ष्य सत्र 2022-27 के दौरान देश के 14,500 से अधिक विद्यालयों को PM SHRI मॉडल स्कूल के रूप में विकसित करना है।
- अवधि एवं बजट: यह एक पाँच वर्षीय centrally sponsored योजना है, जो वित्तीय वर्ष 2022-23 से 2026-27 तक चलेगी। पाँच सालों में इसपर करीब ₹27,360 करोड़ खर्च होने का अनुमान है, जिसमें केंद्र सरकार का योगदान लगभग ₹18,128 करोड़ होगा। शेष राशि राज्यों द्वारा संयुक्त रूप से वहन की जाएगी।
- NEP 2020 का आधार: PM SHRI पूरी तरह से नई शिक्षा नीति 2020 के सिद्धांतों पर आधारित है। इन स्कूलों में NEP 2020 के तहत बताए गए सभी प्रमुख सुधार लागू किए जाएंगे, ताकि शिक्षा को अधिक समग्र, समावेशी और भविष्यन्मुख बनाया जा सके।
- अब तक की प्रगति: लगभग सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने इस योजना में भाग लिया है। अब तक चार चरणों में देश भर के 12,000+ स्कूलों को PM SHRI के तहत चयनित किया जा चुका है, जिनसे लाखों विद्यार्थी लाभान्वित हो रहे हैं।
FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
प्रश्न 1: PM Schools for Rising India (PM SHRI) योजना क्या है?
उत्तर: यह भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक योजना है जिसके अंतर्गत देश भर के 14,500+ सरकारी स्कूलों को आधुनिक सुविधाओं के साथ उन्नत मॉडल स्कूल के रूप में विकसित किया जा रहा है। इन चुने हुए विद्यालयों को “PM SHRI स्कूल” का दर्जा देकर उनमें नई शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप बेहतर ढांचा और शिक्षण प्रणाली लागू की जाएगी।
प्रश्न 2: इस योजना के तहत नए स्कूल खोले जा रहे हैं या पुराने स्कूलों को सुधारेंगे?
उत्तर: PM SHRI के तहत नए स्कूल खोलने की बजाय मौजूदा सरकारी विद्यालयों को चुना जा रहा है और उनका उन्नयन (अपग्रेडेशन) किया जाएगा। यानी जो स्कूल पहले से क्रियाशील हैं, उन्हीं को आधुनिक सुविधाएँ देकर PM SHRI मॉडल स्कूल बनाया जाएगा। कोई भी नया स्कूल स्थापित करने का प्रावधान इस योजना में नहीं है।
प्रश्न 3: स्कूलों का चयन किस प्रकार होता है?
उत्तर: स्कूलों का चयन एक निर्धारित चैलेंज मोड प्रक्रिया से होता है। पहले राज्य सरकारें केंद्र के साथ समझौता करती हैं कि वे NEP 2020 को लागू करेंगी। इसके बाद केंद्र सरकार एक ऑनलाइन पोर्टल पर योग्य सरकारी स्कूलों से आवेदन मांगती है। वहां पर प्रत्येक स्कूल को तय मानकों (जैसे बुनियादी सुविधाएं, परिणाम, स्टाफ आदि) पर अपना डेटा और दावे प्रस्तुत करने होते हैं। फिर इन आवेदनों की जाँच-परख करके जो स्कूल सभी मानदंड पूरे करते हैं उन्हें PM SHRI के लिए चुन लिया जाता है। चयन प्रक्रिया को पारदर्शी रखने के लिए बाहरी विशेषज्ञों द्वारा मूल्यांकन एवं फिजिकल वेरीफिकेशन भी किया जाता है।
प्रश्न 4: क्या छात्रों को इस योजना का लाभ पाने के लिए कुछ करना होगा?
उत्तर: नहीं, छात्रों या अभिभावकों को अलग से कुछ भी नहीं करना है। यह योजना स्कूल केन्द्रित है – यदि कोई स्कूल PM SHRI के तहत चयनित होता है, तो वहाँ पढ़ने वाले विद्यार्थियों को अपने-आप सारी सुविधाएँ मिलेंगी। छात्रों को व्यक्तिगत रूप से न कोई फॉर्म भरना है, न कोई आवेदन शुल्क देना है। बस बच्चों का उसी स्कूल में पढ़ना जारी रहेगा और स्कूल के उन्नयन के साथ वे सभी लाभ उठाएंगे।
इस प्रकार, PM SHRI योजना सरकार का एक महत्वपूर्ण कदम है जो भारत में स्कूल शिक्षा को एक नई दिशा में ले जा रहा है। गांव हो या शहर, इस योजना से देश भर के सरकारी स्कूलों में सकारात्मक परिवर्तन आएगा और आने वाले वर्षों में लाखों विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का लाभ मिलेगा। योजना का सफल क्रियान्वयन भारत के भविष्य को उज्जवल बनाने में मदद करेगा।